Dr Asad Nizami “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Asad Nizami 2 Jun 2021 · 1 min read खुल भी जाते हैं असद ज़ख़्म ए जिगर बारिश में बारिश में..... खुश बहुत होते हैं खुशहाल बशर बारिश में मुफ़लिसों के लिये तालाब है घर बारिश में फिर तो बंगाल में बरसात मुसलसल होती यार ज़ुल्फ़ों का तआउन है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 7 576 Share