Anil Mishra Prahari “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Anil Mishra Prahari 22 May 2021 · 1 min read बरसात। अब तो मेघ करो बौछार। झुलस गये तृण-पात, विकल जन नदी, सरोवर , तप्त निखिल वन, व्यग्र कृषक- मन नित्य पुकारे बरस मेघ, हर तम, अंगारे। हरित, तृप्त कर दे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 8 612 Share