अखिलेश 'अखिल' “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अखिलेश 'अखिल' 9 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें देखता हसीन हूँ जब आंख को मूँदें, ठहरती पलकों में नहीं रात की नीदें, होंठ पे आती है रौनक भरी सिहरन, गिर रहीं दहलीज़ पे बरसात की बूंदें, चिड़ियां चहक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 11 464 Share अखिलेश 'अखिल' 17 May 2021 · 1 min read बरसात, बादल उमड़ते बुलाते हैं किसको, फ़िज़ा की हवाएं लुभाती है सबको, दिलों में सभी के हुयी हलचलें हैं, कैसे रिझाती है बरसात मुझको, रिमझिम है बारिश जहां तो भीगे, अंकुर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 4 11 586 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात बारिशों ने जगाया दिलों में चाह होना, आप आसान समझते हैं बरसात होना, है आसमां की छाती और तड़पती बूंदें, तूने देखा नहीं नदियों का समंदर होना, खेत लहलहाते ज़मीं... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 7 18 405 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात दिल मेरा जब अधीर से हो जाते हैं, बरसते बादल दहलीज़ पर आते हैं, मैं सन्नाटे से निकलता हूँ आंगन में, ज़ख्म किस क़दर ख़त्म हो जाते हैं, घटा दिल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 4 5 386 Share