meenu yadav “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid meenu yadav 29 May 2021 · 1 min read जेठ में बरसात जेठ के माह में, तपती दुपहरिया में, खेत बीच खड़ा किसान, तक रहा था आसमान । जेठ के माह में किसान …. शरीर से बहा रहा पसीना, चीरने को धरती... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 511 Share meenu yadav 21 May 2021 · 1 min read बरसात की इक रात वह रात अभी भी याद है जब कारी बदरिया छाई थी । मैं अपने पिया संग , लॉन्ग ड्राइव पर गई थी । रात के आठ बजे थे, रास्ते में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 481 Share meenu yadav 19 May 2021 · 1 min read ऐसी देखी बरसात जब मैंने आकाश की ओर देखा, बादल गहरा रहे थे । प्रभात की बेला,रात्रि की कालिमा में बदल रही थी ... वसुधा पथराई अंखियों, सूखे अधरों से आसमाँ तक रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 11 1k Share