अनुराग दीक्षित “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid अनुराग दीक्षित 16 May 2021 · 1 min read बहुत सुहानी लगती ये बरसात है। बहुत सुहानी लगती ये बरसात है। रज कण से चहुँ दिश सोंधी सी गंध सुहाई दग्ध धरा प्रमुदित हो जैसे हो मुस्काई दादुर बोले मोर नचे चल दी पुरवाई काली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 7 554 Share