विवेक दुबे "निश्चल" "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid विवेक दुबे "निश्चल" 18 Nov 2018 · 1 min read माँ तु , मुझे, बहुत याद आती है । ज़िंदगी जब भी, मुँह चिढ़ाती है । माँ तु , मुझे, बहुत याद आती है । वक़्त के, तूफान में, कश्ती डगमगाती है । यादों में तु , पतवार मेरी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 71 420 Share