विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 27 Nov 2018 · 1 min read मां मां मां ममता की मूरत है हम सबकी एक जरूरत है। बिन मां के घर सूना होता मां एक शुभ मुहुर्त है। जन्म दिया, खुद दर्द सहा ममता का आंचल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 30 902 Share