Uma Vaishnav "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Uma Vaishnav 12 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ****************** जैसे दिये में, ज्योति होती , माँ भी तो बस, ऎसी ही होती, ख़ुद जल कर,घर रोशन करती, तेरी व्याख्या, किसी से न होती, तू जीवन का, आधार... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 124 904 Share