Manju Sharma "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Manju Sharma 26 Nov 2018 · 1 min read ~माँ~ अब तू बूढ़ी हो गई है माँ, तेरे जैसा खाना अब कोई नहीं बनाता, तेरे जैसी लोरियां कोई नहीं सुनाता, तेरी बाहों से सुरक्षित कोई जगह कहाँ, हर पीढ़ा पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 44 1k Share