सन्दर्भ मिश्र 'फ़क़ीर' "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्दर्भ मिश्र 'फ़क़ीर' 4 Nov 2018 · 1 min read माँ तू है दुःख कबहूँ न होई माँ जैसा न और है कोई, माँ तू है दुःख कबहूँ न होई, सूरज भी पश्चिम चल जाए, चन्दा भी तो शीश झुकाए, तारे भूमि पर आ टिमटिमाएँ, सम्भव यह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 80 722 Share