राजेश बन्छोर "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेश बन्छोर 1 Nov 2018 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊँ तेरे चरणों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 22 817 Share