Rahul Pareek "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Rahul Pareek 14 Nov 2018 · 1 min read बिन मां के ऐसे लगे, मंदिर बिन भगवान चूल्हा, चौका, और घर, खेत और खलिहान बिन मां के ऐसे लगे, मंदिर बिन भगवान पहली रोटी गाय की, पहला ठाकुर भोज फिर घी शक्कर डाल माँ, भोजन देती रोज... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 18 476 Share