Raaj Kavi "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Raaj Kavi 20 Nov 2018 · 1 min read माँ ! तुम ही तो थी... शून्य से आती हुई, विधु तक जाती हुई, ज़िन्दगी की व्यथा भरी, इस दुनिया की संकरी, पाषाण पूर्ण राहों में, जिसने सही रस्ता दिखाया, तुम ही तो थी जिसने मुझे,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 32 578 Share