NITU RAJNISH THAKUR "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid NITU RAJNISH THAKUR 11 Nov 2018 · 1 min read आज भी माँ क़ब्र से लोरी सुनाती है मुझे सो रही है प्यार से मिट्टी की चादर ओढ़कर आज भी माँ क़ब्र से लोरी सुनाती है मुझे दूर अंबर में बसेरा है मेरी माँ का मगर आज भी वो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 48 395 Share