Mukta Tripathi "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukta Tripathi 2 Nov 2018 · 1 min read माँ केवल माँ ।। माँ केवल माँ ।। तपती-भरी दोपहरी में पसीना बहाती । महल नहीं, झोंपड़ी की छाँव देना चाहती। चीथड़े पल्लू से लाल को लू से बचाती । प्यास भूल अपनी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 52 323 2k Share