Anju ( Ojhal ) "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Anju ( Ojhal ) 20 Nov 2018 · 1 min read मां तुम आईना बन जाओ ना मां तुम आईना बन जाओ ना मैं अपना अक्स देखूंगी यह जिंदगी चिलमिलाती धूप सी लगती है मां तुम ठंडी छांव बन जाओ ना हर तरफ दुख:का साया घेरना चाहता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 38 812 Share