करन 'मस्ताना' "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid करन 'मस्ताना' 23 Nov 2018 · 1 min read माँ तु सुन रही है ना माँ, तु सुन रही है ना! आज फिर कराह उठा हूँ दर्द से जैसे बचपन में रोता था अक्सर गिरने के बाद! मगर तब तुम थी खड़ी मुझे संभालने को!... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 38 565 Share