शेख़ जाफ़र खान "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid शेख़ जाफ़र खान 6 Nov 2018 · 1 min read माँ की दुआ [घनाक्षरी छंद ] कृषक हरष जात खेत लहरातें देख , माँ हरष जात अपने पूत को निहार के । चातक हरष जात मिले जब स्वाति बूंद , माँ हरष जात निज पूत को... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 12 35 992 Share