अशोक कुमार ढोरिया "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid अशोक कुमार ढोरिया 4 Nov 2018 · 1 min read माँ कलेजे में दुःख-दर्द छिपाकर, फूल-सी खिली रहती थी माँ निवाला दे अपने मुख का मुझे, स्वयं भूखी रहती थी माँ स्वयं चाहे न मिला आशियाना, सुरक्षा कवच बन मेरी अच्छा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 69 1k Share