आनन्द बल्लभ "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid आनन्द बल्लभ 10 Nov 2018 · 1 min read माँ वेदों के बोल हैं चले गये तुम छोड़ अकेला कैसे पीड़ा दर्द सहें अब, निर्जन नीरव से जीवन में कैसे बिन तेरे रहें अब ? सब कुछ मिल जाये इस जग में पर माता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 54 313 4k Share