शालिनी कौशिक "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid शालिनी कौशिक 11 Nov 2018 · 1 min read जननी गयी हैं मुझसे रूठ वो चेहरा जो, शक्ति था मेरी , वो आवाज़ जो, थी भरती ऊर्जा मुझमें , वो कदम जो, साथ रहते थे हरदम, वो आँखें जो, दिखाती रोशनी मुझको , वो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 25 351 Share