पियूष राज 'पारस' "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid पियूष राज 'पारस' 1 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ मेरी माँ तेरी ममता की आँचल में ना जाने कब मैं बड़ा हुआ तेरी अंगुली थाम कर ना जाने कब मैं खड़ा हुआ मेरी हर गलतियों को करके माफ माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 30 881 Share