Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2023 · 1 min read

Chhod aye hum wo galiya,

Chhod aye hum wo galiya,
Jaha kabhi tumhara didar hua karta tha.
Chhod aye hum wo galiya
Jaha tumhare nam se mera shringar hua karta tha.
Chhod aye hum wo galiya
Jaha kabhi tumhara mann hua karta tha.

Bhul gaye hai wo bate,
Jinme tumhara jikar hua karta tha.
Chhod aye h tumhare pass wo dil
Jisme tumhari fikr hua karti thi.
Chhod aye h wo nighahe
Jisme tumhari tasvir hua karti thi.
Bahut dur badh gaye h mere kadam,
Uss ahsas me jite h ab hum ,
Jisse pahle mera mann udas hua karta tha.

3 Likes · 650 Views

You may also like these posts

मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
- नियति के लिखे को कोई टाल नही सकता -
- नियति के लिखे को कोई टाल नही सकता -
bharat gehlot
एक ऐसा मीत हो
एक ऐसा मीत हो
लक्ष्मी सिंह
मैं तो ईमान की तरह मरा हूं कई दफा ,
मैं तो ईमान की तरह मरा हूं कई दफा ,
Manju sagar
दोहे. . . . जीवन
दोहे. . . . जीवन
sushil sarna
छोड़ो मेरे हाल पे हमको
छोड़ो मेरे हाल पे हमको
Sanjay Narayan
मेरी नज़र
मेरी नज़र
कुमार अविनाश 'केसर'
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
Sunil Maheshwari
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इक ज़मीं हो
इक ज़मीं हो
Monika Arora
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Manoj Shrivastava
ज़रूरत मतलब लालच और रिश्ते
ज़रूरत मतलब लालच और रिश्ते
Nitin Kulkarni
गीत- ये हिंदुस्तान की धरती...
गीत- ये हिंदुस्तान की धरती...
आर.एस. 'प्रीतम'
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
SPK Sachin Lodhi
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
आज यादों की अलमारी खोली
आज यादों की अलमारी खोली
Rituraj shivem verma
छंद मुक्त कविता : बुद्धि का उजास
छंद मुक्त कविता : बुद्धि का उजास
Sushila joshi
शीत मगसर की...
शीत मगसर की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
!!कोई थी!!
!!कोई थी!!
जय लगन कुमार हैप्पी
देखो खड़ी ढलान
देखो खड़ी ढलान
RAMESH SHARMA
"ऑस्कर और रेजिस"
Dr. Kishan tandon kranti
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
Ravi Prakash
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
4039.💐 *पूर्णिका* 💐
4039.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
gurudeenverma198
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
Ashwini sharma
Loading...