सरलता, सुगम्यता और संप्रेषणीयता किसी भी रचना के प्रति पाठकों के समक्ष आकर्षण उत्पन्न करता है। प्रत्येक रचना या विधाओं से रचनाकार स्वयं को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करता है।... Read more
सरलता, सुगम्यता और संप्रेषणीयता किसी भी रचना के प्रति पाठकों के समक्ष आकर्षण उत्पन्न करता है। प्रत्येक रचना या विधाओं से रचनाकार स्वयं को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करता है। इसमें राष्ट्रभक्ति, ईश्वर भक्ति, परंपरा और सामयिकता एवं
लेखकीय विचार -भाव चार -चांद लगाते हैं। इसी ऊर्जा से निहित मेरी *बानगी* पुस्तक आपके कर कमलों पर सुशोभित है