जिस प्रकार तन के पोषण हेतु अन्न- जल आवश्यक हैं उसी प्रकार मन के पोषण हेतु आध्यात्मिक चिंतन- मनन आवश्यक है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रस्तुत है यह प्रयास... Read more
जिस प्रकार तन के पोषण हेतु अन्न- जल आवश्यक हैं उसी प्रकार मन के पोषण हेतु आध्यात्मिक चिंतन- मनन आवश्यक है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रस्तुत है यह प्रयास जिसके अध्ययन, मनन एवं चिंतन के द्वारा आप अपने मन को यथोचित पोषण प्रदान कर अपना कल्याण सुनिश्चित कर सकते हैं।