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25 Apr 2023 · 1 min read

Asman se khab hmare the,

Asman se khab hmare the,
Jb hum sab bachhe pyare the.
Na kohra tha dhup thi ,
Bus rang birange chadar the.
Kbhi phoolo se lahrate the ,
Kbhi titli si udd jate the.
Na khauf tha na gam tha,
Maa ke anchal ki khushiya bhari thi.
Dipak se jalte khab gaye,
Ek kadam badhane jb hum lage.
Bandish rito se sej saji,
Ab wakt ke chaukidar khade.
Na khushiya hai na bachpan hai,
Jivan bit rha kathinayi se.
Asman se khab hmare the
Jb hum sab bache pyare the.
Ye moh najane kb lalach ka,
Bicchu bankar ab dass dale.
Pahle roti khate the sukun ki,
Ab roti ko kamate hai .

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