59…
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रजज़ मुसद्दस मतवी
मुफ़तइलुन मुफ़तइलुन मुफ़तइलुन
2112 2112 2112
कौन है ना समझी सिखा देता है
बंद झरोखे से हवा देता है
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राज था सुकरात जहर पीने का
कौन हिफाजत यूँ बढ़ा देता है
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जलसे में खामोश रहा कौन वहाँ
हाथ में परचम जो थमा देता है
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टाँगना मुझको है अगर दीवारों
पहले जहाँ मिट्टी मिला देता है
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शहर उसे जान नहीं पाया यहाँ
फक्त गलत दोष लगा देता है
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काँटे सभी सामने जो आन पड़े
जोर लगा राह हटा देता है
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सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712