Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

56…Rajaz musaddas matvii

56…Rajaz musaddas matvii
mufta’ilun mufta’ilun mufta’ilun 2112 2112 2112
मेरी जुबां जब भी फ़िसल जाती है
बात जरा तल्ख निकल जाती है
#
जज्ब निगाहों से भला फायदा क्या
चोट दिली गम में बदल जाती है
#
शौक से अफ़सोस करें जाहिर गम
खास नदामत ये निगल जाती है
#
उसको तराशा हमी ने जान लगा
हीरे सी सूरत वो ही खल जाती है
#
लाख की चाहे हो कमाई दौलत
नाम नजर खास उछल जाती है
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712

22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
Ravi Prakash
ये दिल है जो तुम्हारा
ये दिल है जो तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
Dushyant Kumar
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
🌺🌹🌸💮🌼🌺🌹🌸💮🏵️🌺🌹🌸💮🏵️
🌺🌹🌸💮🌼🌺🌹🌸💮🏵️🌺🌹🌸💮🏵️
Neelofar Khan
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*वह बिटिया थी*
*वह बिटिया थी*
Mukta Rashmi
डायरी मे लिखे शब्द निखर जाते हैं,
डायरी मे लिखे शब्द निखर जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हूं तो इंसान लेकिन बड़ा वे हया
हूं तो इंसान लेकिन बड़ा वे हया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
Kanchan Khanna
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
Harminder Kaur
I am always in search of the
I am always in search of the "why",
Manisha Manjari
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
Dr Archana Gupta
पुनर्जन्म का साथ
पुनर्जन्म का साथ
Seema gupta,Alwar
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ms.Ankit Halke jha
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
लंका दहन
लंका दहन
Paras Nath Jha
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
Pratibha Pandey
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
*प्रणय प्रभात*
*
*"तुलसी मैया"*
Shashi kala vyas
Loading...