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9 Nov 2024 · 1 min read

4914.*पूर्णिका*

4914.*पूर्णिका*
🌷 कुछ अलग सोचते हम 🌷
212 2122
कुछ अलग सोचते हम।
कुछ अलग सोचते तुम ।।

भूख अपनी मिटे बस ।
क्या नहीं सोचते तुम ।।

सोच रख खूबसूरत ।
बहुत ही सोचते तुम ।।

ख्वाब भी हो हकीकत ।
नेक ना सोचते तुम ।।

साथ है आज खेदू।
क्या अच्छा सोचते तुम ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
09-11-2024शनिवार

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