4883.*पूर्णिका*
4883.*पूर्णिका*
🌷 मंजिल आती पास हमारी 🌷
22 22 22 22
मंजिल आती पास हमारी।
दुनिया आती पास हमारी ।।
लगती भी है कुछ डगर कठिन ।
चाह सरल भी पास हमारी ।।
खुशियाँ लेकर आये मौसम।
मुहब्बत देखो पास हमारी ।।
आसान यहाँ सब चाहत में ।
फितरत न्यारी पास हमारी ।।
मन की बगिया महके खेदू।
कलियाँ प्यारी पास हमारी ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
08-11-2024शुक्रवार