4852.*पूर्णिका*
4852.*पूर्णिका*
🌷 जो भी होगा देखेंगे हम 🌷
22 22 22 22
जो भी होगा देखेंगे हम ।
सारा अपना देखेंगे हम ।।
बारिश का मौसम बरसे कब ।
आकर बादल देखेंगे हम ।।
समय बड़ा बलवान यहाँ है ।
ताकत कितनी देखेंगे हम ।।
दरिया पार करें कैसे भी ।
पतवार कश्ती देखेंगे हम ।।
जोखिम का काम नहीं खेदू।
क्षमता कितनी देखेंगे हम ।।
……..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
04-11-2024सोमवार