4799.*पूर्णिका*
4799.*पूर्णिका*
🌷 मंजिल भी पास यहाँ 🌷
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मंजिल भी पास यहाँ ।
मन अपना दास यहाँ ।।
वक्त के साथ चलें हम ।
पूरी हर आस यहाँ ।।
जीवन क्या सब जाने।
चलती जब सांस यहाँ ।।
महके दुनिया अपनी।
कहते तब खास यहाँ ।।
परवाह करें खेदू।
दिल में रब वास यहाँ ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
31-10-2024गुरुवार