4795.*पूर्णिका*
4795.*पूर्णिका*
🌷 पागल जिसके प्यार में 🌷
22 22 212
पागल जिसके प्यार में ।
कायल जिसके यार में ।।
देखो उतरे ना नशा ।
शर्करा जिसके खार में ।।
बदले दुनिया जिंदगी।
नैना जिसके चार में ।।
मन आँधी तूफान भी ।
बहते जिसके धार में ।।
अपनी खेदू शान है ।
कहते जिसके भार में ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
31-10-2024बुधवार