4784.*पूर्णिका*
4784.*पूर्णिका*
🌷 होते हर काम यहाँ 🌷
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होते हर काम यहाँ ।
नेक बने नाम यहाँ ।।
दरिया भी ख्वाब रखें ।
चारों सुख धाम यहाँ ।।
मधुशाला सा जीवन।
छलके यूं जाम यहाँ ।।
रोज मस्ती भी खेदू।।
देते पैगाम यहाँ ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
29-10-2024मंगलवार