4775.*पूर्णिका*
4775.*पूर्णिका*
🌷 मान लिया है अपना सब कुछ 🌷
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मान लिया है अपना सबकुछ ।
जान लिया है अपना सबकुछ ।।
दिल की चाहत पूरी होती ।
बिंदास यहाँ अपना सबकुछ ।।
पद प्रतिष्ठा मान मर्यादा ले ।
यूं न्योछावर अपना सबकुछ ।।
खुशियाँ जीवन बदले देखो।
दिल में रहते अपना सबकुछ ।।
सच वक्त के साथ चले खेदू।
यारी अपनी अपना सबकुछ ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
28-10-2024सोमवार