4758.*पूर्णिका*
4758.*पूर्णिका*
🌷 सोचा था साथ चलोगे 🌷
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सोचा था साथ चलोगे।
हरदम यूं साथ चलोगे।।
दुनिया भी संवार यहाँ ।
हरपल तुम साथ चलोगे।।
बेगरज यहाँ समझ लिया।
सोच बदल साथ चलोगे।।
कुछ भी कर बन जाते सच ।
ताने मन साथ चलोगे।।
कहते खेदू आगे बढ़ ।
अब भी वक्त साथ चलोगे।।
………..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार