4750.*पूर्णिका*
4750.*पूर्णिका*
🌷 हम हसरत पाले बैठे 🌷
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हम हसरत पाले बैठे ।
बन के रखवाले बैठे ।।
प्यार यहाँ बांटे हरदम ।
देखो दिलवाले बैठे।।
महके बगियां अपनी भी।
भौंरा सा मतवाले बैठे।।
खुशियांँ आती पास जहाँ ।
सब गाने वाले बैठे।।
रहते हमसाया खेदू ।
दिल देने वाले बैठे ।।
………..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार