4742.*पूर्णिका*
4742.*पूर्णिका*
🌷 खुलता है द्वार किस्मत का 🌷
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खुलता है द्वार किस्मत का।
सुंदर संसार किस्मत का ।।
खुशियाँ ही खुशियाँ दिल में ।
मिलता है प्यार किस्मत का ।।
मोल नहीं होता कुछ भी ।
लगता बाजार किस्मत का ।।
महके ये जीवन हरदम ।
यूं चमन बहार किस्मत का ।।
चमके माथ यहाँ सच में ।
देखो आधार किस्मत का।।
मंजिल अपनी मस्त खेदू।
सपना साकार किस्मत का ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
23-10-2024बुधवार