4737.*पूर्णिका*
4737.*पूर्णिका*
🌷 नि:शब्द तुम ना रहा करो 🌷
212 212 12
नि:शब्द तुम ना रहा करो।
यूं जुबां से कहा करो ।।
देख दिल है यहाँ कहाँ ।
वेदना भी सहा करो ।।
जिंदगी प्यार से बने ।
बन नदी सी बहा करो ।।
नेक दुनिया जहाँ रहे।
चाह सुंदर चहा करो ।।
आज खेदू मगन कहे।
काम अपना महा करो।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
22-10-2024मंगलवार