4730.*पूर्णिका*
4730.*पूर्णिका*
🌷 साथी अपना माने 🌷
22 22 22
साथी अपना माने ।
पूरा सपना जाने।।
करते बदलाव जहाँ ।
देखो सीना ताने ।।
फूल बने कांटे भी ।
पंछियां गाएं गाने।।
रीत यहाँ प्रीत जहाँ ।
लगते सबको भाने।।
मंजिल दामन खेदू।
सफल वही मन ठाने।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
21-10-2024सोमवार