4722.*पूर्णिका*
4722.*पूर्णिका*
🌷 निखरती है जिंदगी 🌷
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निखरती है जिंदगी।
बिखरती है जिंदगी।।
देख ले हालात भी ।
बिगड़ती है जिंदगी।।
नेकियों से नेक दिल।
सुधरती है जिंदगी।।
मेहनत से ही यहाँ ।
सँवरती है जिंदगी।।
साथ खेदू दे चले ।
निखरती है जिंदगी।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
21-10-2024सोमवार