4721.*पूर्णिका*
4721.*पूर्णिका*
🌷 निखर जाती है जिंदगी 🌷
2122 2212
निखर जाती है जिंदगी।
बिखर जाती है जिंदगी।।
देख सुंदर दुनिया यहाँ ।
सुधर जाती है जिंदगी।।
साथ साथी मिलते जहाँ ।
ठहर जाती है जिंदगी।।
नेक नीयत मुहब्बत सच्ची।
लहर जाती है जिंदगी।।
थाम दामन खेदू चले ।
सँवर जाती है जिंदगी।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
21-10-2024सोमवार