4711.*पूर्णिका*
4711.*पूर्णिका*
🌷 अपनों से है अपनी यारी🌷
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अपनों से है अपनी यारी।
जान लिया है दुनियादारी ।।
पीछे मुड़कर न कभी जाते ।
खुद भागे देखो लाचारी ।।
रखते आत्मविश्वास जहाँ भी।
सच आते साथ समझदारी ।।
समस्या का हल है सुंदर कल।
होती है रोज तरफदारी ।।
कहते खेदू भाग्य विधाता ।
नेक निभाते भागीदारी ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
19-10-2024शनिवार