4693.*पूर्णिका*
4693.*पूर्णिका*
🌷 पानी प्यासा 🌷
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पानी प्यासा।
ज्ञान पिपासा।।
सोच निराले।
जान जिज्ञासा ।।
महके जीवन ।
यूं अभिलाषा ।।
दुनिया कैसी।
देख तमाशा।।
देते खेदू।
सच परिभाषा ।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार