4684.*पूर्णिका*
4684.*पूर्णिका*
🌷 सोच समझ बिंदास रखो 🌷
22 22 22 2
सोच समझ बिंदास रखो।
सारी खुशियांँ पास रखो।।
चाहत हालात बदलती।
मस्त जीने की आस रखो।।
गैर बने अपना साथी ।
साथ अटूट विश्वास रखो।।
नामुमकिन आज नहीं कुछ ।
बढ़ते कदम प्रयास रखो।।
महके ये जीवन खेदू।
दुनिया नेक सुवास रखो।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार