4683.*पूर्णिका*
4683.*पूर्णिका*
🌷 सोच सुहाना कर ले 🌷
22 22 22
सोच सुहाना कर ले ।
दिल दीवाना कर ले।।
वक्त भी है साथ यहाँ ।
आज जमाना कर ले।।
महके बगियां अपनी।
साज सजाना कर ले।।
चाह जहाँ राह वहाँ ।
आना जाना कर ले ।।
रोज गले लग खेदू।
जतन मस्ताना कर ले।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार