4675.*पूर्णिका*
4675.*पूर्णिका*
🌷 तेरे जैसा यार कहाँ 🌷
22 22 22 2
तेरे जैसा यार कहाँ ।
मेरे जैसा प्यार कहाँ ।।
ये दुनिया देख मतलबी।
जीत यहाँ है हार कहाँ ।।
कांटे भी फूल बने सच ।
करते है संहार कहाँ ।।
बदले सोच बढ़े साथी ।
कोई अब लाचार कहाँ ।।
लो देखो अपना खेदू।
हरदम हम बेकार कहाँ ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार