4672.*पूर्णिका*
4672.*पूर्णिका*
🌷 सुन ले मेरे साकी 🌷
22 22 22
सुन ले मेरे साकी।
छोड़ यहाँ चालाकी।।
जाने जीवन का मर्म ।
देख निकाले झांकी ।।
नीयत अपनी झलके ।
रहते न कसर बाकी ।।
खो खो कबड्डी व क्रिकेट ।
खेले कोई हाकी ।।
न बच्चा है अब खेदू।
समझे टोका टाकी ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार