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15 Oct 2024 · 1 min read

4656.*पूर्णिका*

4656.*पूर्णिका*
🌷 कुछ जरूरत तुझे भी है 🌷
212 212 22
कुछ जरूरत तुम्हें भी है ।
कुछ जरूरत हमें भी है ।।
जिंदगी प्यार से बनती।
सच जरूरत हमें भी है ।।
देख ले महकती बगियां ।
यूं जरूरत हमें भी है ।।
चाह से मंजिलें मिलती ।
बस जरूरत हमें भी है ।।
रोज बांटे खुशी खेदू।
अब जरूरत हमें भी है ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
15-10-2024 मंगलवार

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