4625.*पूर्णिका*
4625.*पूर्णिका*
🌷 बात हंसने की नहीं है 🌷
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बात हंसने की नहीं है ।
बात फंसने की नहीं है ।।
जिंदगी जहाँ दे खुशी यूं ।
बात पीसने की नहीं है ।।
ये हवा बहे तो अच्छी है ।
बात नाचने की नहीं है ।।
फ़ैसला यहाँ खुद जरा ले।
बात सोचने की नहीं है ।।
हो मुस्कान खेदू जहाँ भी ।
बात रूठने की नहीं है ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
13-10-2024 रविवार